इस पौधे में पत्ती से लेकर जड़ तक भरा है इंसुलिन, Diabetes मरीज रोज करें सेवन इन 6 रोगों से भी मिल जाएगी मुक्ति

चिरायता आयुर्वेद में लंबे समय से इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटी है। चिरायता का स्वाद कड़वा होने के कारण कई लोग इसके सेवन से कतराते हैं। लेकिन चिरायता डायबिटीज समेत कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाव और इनके उपचार में काम आता है
डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी आज के समय की सबसे आम बीमारियों में से एक है। हर फैमली में कोई एक व्यक्ति शुगर की बीमारी से पीड़ित है। चूंकि डायबिटीज बीमारी आनुवांशिक (Genetic) भी होती है। इसलिए घर में किसी एक व्यक्ति को डायबिटीज होने के बाद इसका खतरा पूरी आने वाली पीढ़ी पर होता है।
डायबिटीज के उपचार के लिए कई लोग जहां मेडिसिन पर निर्भर होते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसके नेचुरल उपचार की तलाश में होते हैं। ऐसे में हम चिरायता के सेवन के बारे में बता रहें हैं जिसके सेवन से आप अपने शुगर लेवल को तुरंत कम कर सकते हैं।
शरीर में शुगर की मात्रा लंबे समय तक अधिक रहने से डायबिटीज की बीमारी होती है। इसका पता नियमित ब्लड चेकअप के अलावा कुछ विशेष संकेतों से लगाया जा सकता है। इन संकेतों में त्वचा का रंग बदलना, बार-बार पेशाब आना, पेशाब से तेज बदबू आना, जल्दी-जल्दी भूख लगना, नींद न आना आदि शामिल हैं।
अनियंत्रित डायिबटीज प्रमुख रूप से हृदय संबंधी कई समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है। इसके अलावा डायबिटीज होने से व्यक्ति में तंत्रिका क्षति, किडनी डैमेज, आंखों की क्षति, बेहरापन, अल्जाइमर जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
चिरायता ब्लड शुगर लेवल को कम करने में कारगर होता है। दरअसल, इसमें अमारोगेंटिन (Amarogentin) बायोएक्टिव कंपाउंड होता है। यह कंपाउंड एंटी-डायबिटिक प्रभाव दिखाता है। यही कारण है कि डायबिटीज मरीजों के लिए यह इंसुलिन काम करते हैं।
चिराता एक जड़ी बूटी है। जिसके पत्ते से लेकर जड़ों तक में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद हैं। इसका उपयोग आयुर्वेद में लंबे समय से बुखार, कब्ज, पेट की ख़राबी, भूख न लगना, आंतों के कीड़े, त्वचा रोग, लिवर की सूजन, पेट की सूजन और कैंसर के लिए किया जाता रहा है। इसके अलवा चिरायते के सेवन को स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह, बिच्छू के काटने पर फायदेमंद माना जाता है।
खाना खाने से पहले 60ml चिरायते का सेवन टॉनिक के रूप में किया जा सकता है। इसे गर्म पानी और लौंग या दालचीनी के साथ तैयार किया करके 1 से 2 बड़े चम्मच पी सकते हैं। चिरायता के पत्तों का जूस निकालकर भी पी सकते हैं। लेकिन एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि चिरायते का उपयोग बिना किसी विशेषज्ञ के परामर्श के बिना न करें।

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