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एक कदम स्वास्थ्य की ओर

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✍️राजकबीर✍️ संतरे – Oranges संतरा विटामिन सी का एक श्रेष्ठ स्त्रोत है जो आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करने के साथ शरीर से फ्री रेडिकल्स को खत्म कर के गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, स्ट्रोक व दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करता है। इसमें फोलेट व पोटेशियम की अच्छी मात्रा ब्लड प्रेशर को नियमित रखती है जिससे टाइप 2 डाईबिटीज़ से जुड़े हृदय रोगों से बचा जा सकता है। न सिर्फ़ संतरे बल्कि अन्य खट्टे फल जैसे अंगूर आदि भी विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है। संतरे की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग): संतरे में मौजूद पोषण पोषक तत्त्व मात्रा कैलोरी 45 kcal फैट 0.1 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) कार्ब्स 11 ग्राम चीनी 09 ग्राम फाइबर 2.3 ग्राम प्रोटीन 0.9 ग्राम ग्लिसेमिक इंडेक्स 40 ग्लिसेमिक लोड 5

फाइबरयुक्त खाने से शरीर में ग्लूकोस

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फाइबरयुक्त खाने से शरीर में ग्लूकोस के अवशोषण को धीमा किया जा सकता है। इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहती है। कई फलों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, खासकर जो फल छिलका या गूदा के साथ खाए जाते हैं। साथ ही ज़्यादा फाइबर व पानी से भरपूर फल आपकी भूख को जल्दी शांत करके आपके वज़न को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। मोटापे के कम होंए से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई कोलेस्ट्रॉल व हाई ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है। अंगूर या Grapes अपने पोषण प्रोफ़ाइल के वजह से अंगूर फायदेमंद होते हैं। इनमें कॉपर या तांबा प्रचुर मात्रा में होता है जो ऊर्जा उत्पादन में मदद करता है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन-के भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह रक्त के थक्के को बनने में मदद करता है यानि घावों को ठीक करने में मदद करता है। इसी के साथ यह हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायता करता है। अंगूर में फाइबर भी अच्छी खासी मात्रा में आता है और यह आसानी से शुगर लेवल्स को नहीं बढ़ाता। इसे लो जीआई फूड में रखा जाता है और इसमें शुगर ना के बराबर होती है। कीवी  कीवी को ...

जानिए उन 6 फलों के बारे में, जिन्हें डायबिटीज रोगी भी बेफिक्र होकर खा सकते हैं

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@राजकबीर ✍️✍️ फलों की मिठास अगर आपको डरा रही है, तो निश्चिंत रहें। कुछ फल मीठे जरूर होते हैं, पर आपका शुगर लेवल नहीं बढ़ाते। बशर्ते कि आप इन्हें लिमिट में खाएं। कुछ फल ऐसे हैं, जो ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल भी कर सकते हैं। डायबिटीज रोगी कच्चा या पका पपीता (Papaya) बेफिक्र होकर खा सकते हैं। पपीता एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर से भरपूर होता है, जो शरीर में सेल डैमेज को रोकता है। यह विटामिन बी, फोलेट, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होता है। यह लो कैलोरी वाला फल है। डायबिटीज के मरीज इस फल के गूदे से लेकर बीज तक कोई भी हिस्सा खा सकते हैं। जामुन को इंडियन ब्लैकबेरी (Indian Blackberry) या ब्लैक प्लम (Black Plum) के रूप में भी जाना जाता है। जामुन में 82% पानी और 14.5% कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें सुक्रोज शुगर कम होताहै। स्टार्च को चीनी में बदलने की प्रक्रिया को फल में मौजूद जंबोसीन और जंबोलिन जैसे कंपाउंड धीमा कर देते हैं। ब्लड शुगर लेवल में अचानक स्पाइक्स से यह बचने में मदद करता है। कीवी (Kiwi) हाई फाइबर फ्रूट है। करते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स(Glycemi...

एक कदम आयुर्वेद की ओर

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@राजकबीर ✍️✍️ *जामुन एक ऐसा वृक्ष जिसके अंग अंग में औषधि है।* अगर जामुन की मोटी लकड़ी का टुकडा पानी की टंकी में रख दे तो टंकी में शैवाल, हरी काई नहीं जमेगी और पानी सड़ेगा भी नहीं।  जामुन की इस खुबी के कारण इसका इस्तेमाल नाव बनाने में बड़ा पैमाने पर होता है। 🍇पहले के जमाने में गांवो में जब कुंए की खुदाई होती तो उसके तलहटी में जामून की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है जिसे जमोट कहते है।  🍇दिल्ली की निजामुद्दीन बावड़ी का हाल ही में हुए जीर्णोद्धार से ज्ञात हुआ 700 सालों के बाद भी गाद या अन्य अवरोधों की वजह से यहाँ जल के स्तोत्र बंद नहीं हुए हैं।  🍇भारतीय पुरातत्व विभाग के प्रमुख के.एन. श्रीवास्तव के अनुसार इस बावड़ी की अनोखी बात यह है कि आज भी यहाँ लकड़ी की वो तख्ती साबुत है जिसके ऊपर यह बावड़ी बनी थी। श्रीवास्तव जी के अनुसार उत्तर भारत के अधिकतर कुँओं व बावड़ियों की तली में जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल आधार के रूप में किया जाता था। 🍇स्वास्थ्य की दृष्टि से विटामिन सी और आयरन से भरपूर जामुन शरीर में न केवल हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता। पेट दर्द, डायबि...

मेथी के पत्ते भी करते हैं डेंगू से रिकवरी में मदद, जानिए ऐसे ही सुपरफूड्स के बारे में

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✍️राज कबीर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को डेंगू फीवर हुआ है, तो इन 5 खाद्य पदार्थों को उनके आहार में शामिल करें। ये आहार प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूती देंगे। डेंगू फीवर में मेथी के बीज या मेथी के पत्ते (fenugreek leaves for dengue) का सेवन मरीज को जरूर कराना चाहिए। मेथी और मेथी के पत्ते रोगी के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। यह साउंड स्लीप में मदद करते हैं। यह रोगी के ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट को भी नॉर्मल करने और बुखार कम करने में मदद करता है।  जैसे ही इन दिनों किसी को डेंगू होता है, तो सबसे पहले पपीते के पत्ते की खोज शुरू हो जाती है। कई शोध में पपीते के पत्ते को इस खतरनाक बीमारी से लड़ने में सक्षम माना (papaya leaf for dengue) गया गया है। पपीते के पत्तों का जलीय अर्क डेंगू बुखार से लड़ने में विशेष रूप से सक्षम होता है। यह प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाता है। यह वायरल रोगों के खिलाफ एक नेचुरल एजेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है डेंगू रोगियों के पारंपरिक चिकित्सा में सबसे अधिक उपयोग में लाया जाता है नारियल पानी ...

बस एक मुट्ठी भीगे हुए अखरोट पूरी फैमिली की सेहत में कर सकते हैं सुधार, जानिए इसके फायदे

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अखरोट को ब्रेन फ़ूड के रूप में जाना जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व इसे ब्रेन के साथ समग्र सेहत के लिए फायदेमंद बनाते हैं। तो चलिए आज नेशनल वालनट डे (National walnut day) के अवसर पर हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे इसके महत्वपूर्ण फायदे। ब्रेन से लेकर सेक्सुअल हेल्थ तक यह आपके लिए प्रभावी रूप से काम करता है। सेहत के लिए इन रूपों में फायदेमंद होते हैं अखरोट 1. सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाता है नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार अखरोट ओमेगा -3 फैटी एसिड और हेल्दी फैट का एक बेहतरीन स्रोत है, जो डोपामाइन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। वहीं इसमें मौजूद आर्जिनिन भी एमिनो एसिड का एक प्रकार है जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाता है, जो ब्लड वेसल्स को आराम पहुंचाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देते हैं। इस स्थिति में ब्लड की पर्याप्त मात्रा इंटिमेट एरिया तक पहुंचती है और आपकी उत्तेजना को बढ़ावा देती है। पुरुषों में बेहतर इरेक्शन में मदद करता है। 2. बच्चों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है अखरोट अखरोट में फोलेट के साथ ओमेगा -3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। यह दोनों ही प...

इन चीजों में है प्रोटीन पाउडर से ज्यादा पावर, मसल्स बनाने में इनका कोई तोड़ नहीं, नस-नस में भर देती हैं ताकत

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✍️ राज कबीर आजकल यंग जेनरेशन में मसल्स को गठीला बनाने के लिए होड़ सी मची है. युवा इसके लिए घंटों जिम में पसीना बहाते हैं और इनमें से कुछ लोग प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आपके आसपास ही इतने तरह के फूड हैं इनमें प्रोटीन की कोई कमी नहीं होती. जिम में घंटों पसीना बहाना आज के युवाओं का नया क्रेज है. जिम में बॉडी बनाने के लिए ये युवा कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं. बॉडी बनाने के लिए सबसे अहम होता है मसल्स को नया रूप देना. यानी 6 पैक एब्स या 8 पैक एब्स. इसके लिए युवाओं में दीवानगी की हद तक जुनून रहता है. इसी के चक्कर में कई युवा प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कई अध्ययनों में यह कहा गया है कि प्रोटीन पाउडर से नुकसान भी हो सकता है. अच्छी बात यह है कि यदि आप प्रोटीन पाउडर की जगह आसपास ही मिलने वाली कुछ चीजों का इस्तेमाल करें तो इनके सेवन से प्रोटीन पाउडर से ज्यादा फायदा मिलेगा. प्रोटीन से भरपूर ये फूड प्रोटीन पाउडर से कहीं ज्यादा फायदेमंद होंगे और इससे भी अच्छी बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा. इसलिए अगर जिम वाला प्रोटीन पाउडर लेने के लिए कहें तो इसके बदले ...